क्या है इंटरमीडिएट ड्राइंग?
इंटरमीडिएट ड्राइंग एक कला कोर्स है जो छात्रों को कला और रचनात्मकता के आधारिक सिद्धांतों के साथ परिचित कराता है। यह कोर्स छात्रों को विभिन्न ड्राइंग तकनीकों, रंग के उपयोग, और रचनात्मक विचार को समझाता है ताकि वे अपने रचनात्मक प्रकल्पों में सजीवता और अर्थपूर्णता जोड़ सकें।
कोर्स की हाइलाइट्स:
विभिन्न ड्राइंग तकनीक:
इस कोर्स में, छात्रों को सिखाया जाता है कि कैसे विभिन्न ड्राइंग तकनीकों का उपयोग करके विभिन्न विषयों को प्रदर्शित किया जा सकता है।
रंग का अध्ययन:
इंटरमीडिएट ड्राइंग कोर्स में, रंग के सही उपयोग की अध्ययन की जाती है ताकि छात्र अपनी रचनाएँ विविधता से भर सकें।
कला में समर्थता:
छात्रों को इस कोर्स से कला में समर्थता हासिल होती है, जिससे वे अपनी सोच और अभिव्यक्ति को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं।
रचनात्मक प्रकल्प:
इंटरमीडिएट ड्राइंग के अंत में, छात्रों को एक रचनात्मक प्रकल्प पर काम करने का अवसर मिलता है जो उनकी कला क्षमताओं को और भी मजबूत करता है।
पूर्व-आवश्यकताएँ:
इंटरमीडिएट ड्राइंग कोर्स के लिए पात्र होने के लिए छात्र को कम से कम इंटरमीडिएट पास होना आवश्यक है, और अगर उनके इंटरमीडिएट में ड्रॉइंग विषय नहीं है, तो उन्हें इंटरमीडिएट को केवल ड्रॉइंग डिज़ाइन/तकनीकी ड्रॉइंग के रूप में करने का विकल्प है।
Day | Paper No | Subject | Duration |
---|---|---|---|
1st | 1st | स्थिरचित्र (Still Life) | 3 Hours |
| 2nd | स्मरणचित्र (Memory Drawing) | 2 Hours |
2nd | 3rd | संकल्पचित्र (Design) | 3 Hours |
| 4th | भूमिती रचनाएँ, घन-भूमिती व अक्षरलेखन (Geometry, Solid Geometry & Lettering) | 3 Hours |
पाठ्यक्रम: इंटरमीडिएट ड्राइंग ग्रेड परीक्षा
विषयवार पाठ्यक्रम:
I. वस्तु चित्रण:
विभिन्न वस्तुओं को रेखाओं और रंगों का सही तकनीक से चित्रित करना।
रूप, स्थान, और परिप्रेक्ष्य में सुंदरता को प्रकट करने के लिए विभिन्न सांदर्भिक वस्तुओं का आधारित चित्रण।
वस्तुओं की संरचना और उनके आसपास के स्थान को समझाने के लिए चित्रण की प्रक्रिया।
II. मानव चित्रण:
मानव रूप की सटीकता के साथ चित्रण करना, जिसमें रूप, अंग, और आंतरदृष्टि को सहेजा जाए।
विभिन्न शैलियों में व्यक्तित्व को प्रकट करने के लिए अभिव्यक्ति की प्रक्रिया।
जीवंतता और अभिव्यक्ति के साथ व्यक्तिगत और सामाजिक समर्थन करने वाले मानव रूपों का चित्रण।
III. आलेखन:
विभिन्न विषयों पर लेखन और अपने विचारों को स्पष्टता से व्यक्त करना।
रचनात्मक लेखन कौशल को विकसित करने के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा और विचार।
IV. प्राविधिक कला:
डिजाइन, तकनीक, और सामरिक समर्थन के साथ विभिन्न प्राविधिक कला तकनीकों का अध्ययन करना।
विभिन्न सांदर्भिक और सामाजिक परियोजनाओं के लिए प्राविधिक कला का सफल उपयोग।
तकनीकी ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और स्वांगतता की प्रक्रिया।